ऋतुचर्या - ऋतु अनुसार आहार- विहार

ऋतुचर्या मुख्य रूप से तीन ऋतुएँ हैं : शीत ऋतु , ग्रीष्म ऋतु , वर्षा ऋतु ! आयुर्वेद के मत अनुसार छ : ऋतुएँ मानी गयी हैं : वसन्त , ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर ! महर्षि सुश्रुत ने वर्ष के १२ मास इन ऋतुओं में विभक्त कर दिए हैं ! वर्ष के दो भाग होते हैं जिसमें पहले भाग आदान काल में सूर्य उत्तर की ओर गति करता है तथा दूसरे भाग विसर्ग काल में सूर्य दक्षिण की ओर गति करता है ! आदान काल में शिशिर, वसंत एवं ग्रीष्म ऋतुएं और विसर्ग काल में वर्षा एवं हेमंत ऋतुएं होती हैं ! आदान के समय सूर्य बलवान और चंद्र क्षीणबल रहता है ! शिशिर ऋतु उत्तम बलवाली, वसंत माध्यम बलवाली और ग्रीष्म ऋतु दौर्बल्यवाली होती है ! विसर्ग काल में चंद्र बलवान और सूर्य क्षीणबल रहता है ! चंद्र पोषण करनेवाला होता है ! वर्षा ऋतू दौर्बल्य वाली , शरद ऋतू मध्यम बल व् हेमंत ऋतु उत्तम बलवाली...